Thursday, October 28, 2010

संग तुम्हारे है कितनी बहारे
दिये तुमने ही सपने प्यारे
मुस्कान बन छाये लबो पर
आँखों  मे भर दिये हसीं नजारे
साथ यूही तुम रहो हमेशा
दूर हो के ना पल गुजारे
न किसी और की आस करू
न कोई बसे मन मे तुम्हारे
तुम्हारे लिए ही धडके ये दिल
हर धडकन तुमको ही पुकारे
आओ हम खाये ये कसम
टूटने न देंगे ख्वाब ये प्यारे

5 comments:

  1. न कोई बसे मन मे तुम्हारे
    तुम्हारे लिए ही धडके ये दिल
    हर धडकन तुमको ही पुकारे

    Beautiful poetry !

    .

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  2. 3/10

    आपमें क्षमता है ... सुन्दर भाव हैं
    आप बेहतर लिख सकते हैं
    थोडा वजन लाईये

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  3. @ ZEAL,
    @ उस्ताद जी,
    फालो करने के लिए आभारी हूँ ।

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  4. खूबसूरत अल्फ़ाज़।
    दीपक, एक सुझाव है - शीर्षक दिया करो जरूर कविता, गज़ल, गीत का। भविष्य में लोकेट करने में आसानी रहेगी।

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  5. @मो सम कौन,
    एक बार फिर मार्गदर्शन के लिए आभार प्रकट करता हूँ
    आपका सुझाव सर माथे पर

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