बने तो भी कैसे ये प्रेम कहानी,
एक तरफ आग है दूजी तरफ पानी,
दिल मे बस उन्ही की तम्मना लिए,
शायद यूँ ही कट जायेगी जवानी,
दब के रह जाते हैं दिल मे अरमान सारे,
हक नही के कर सके हम को नादानी,
चाह कर भी पास उनके जा सकते नही,
बन के रहती हैं वो मेरे सामने अन्जानी,
देखकर उन्हे जागती हैं भावनाये मन में,
जी करता हैं करे कोई प्यारी सी शैतानी,
करने को तो कुछ भी मुश्किल नही दीपक,
मगर ये मौहब्बत करने नही देती मनमानी,
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