Wednesday, October 13, 2010

हर आरजू को हम अपनी दबा के रखेगें

हर आरजू को हम अपनी दबा के रखेगें,

तेरी यादो को दिल मै छूपा के रखेगें,
मोल क्या है मौहब्बत का तुम जानते नही,
ख्वाब फिर भी आँखों मे तेरे सजा के रखेगें,
तुम हरगिज ना चलोगे साथ मेरे जानते हैं,
राह उल्फत की फिर भी तुमको दिखा के रखेगें,
लौट आने की तुम्हारे अभी आस है दिल मे,
इन्तजार मे तुम्हारे पलके बिछा के रखेगें,
हकीकत है ये एक दिन जान जायेगी जरूर,
हम मौत को घर अपना दिखा के रखेगें
वो आयेगे देखने को हमे यकीन है दीपक,
दोस्त मेरे चेहरे से कफन हटा के रखेगें ,

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