Monday, October 11, 2010

ना भूख लेगे ना प्यास लगे,

हर पल दिल में तेरी आस जगे,

ये कैसा सितम कर दिया खुदा ,
क्यो किया मुझको उससे जुदा,
था मेरा एक छोटा सा चमन ,
फूलो सा खिला था उसका बदन,
हर दम हर पल वो मेरे पास थी,
मेरे दिल में रही बनके अहसास थी,
ना आंसू यूं  कभी पीता था मै ,
उसे देखकर ही जीता था मै ,
हाथो में लेकर वो हाथ मेरा ,
कहती थी है ये जो साथ तेरा,
मै सारी उम्रर ना छोडूगी,
दे दूँगी  जान में रिश्ता  ना तोडूगी,
वो भूल गयी सारी कसमे,
वो तोड गयी वफा की रस्मे,
क्या रोग ये मैंने  पाल लिया,
क्यो मेरा ये उसने हाल किया,
क्यो चुप चाप खडा देखता रहा,
दिल की आग पर हाथ सेकता रहा,
क्यो तूने उसे यूं  जाने दिया ,
क्यो मुझे उसे ना पाने दिया,
आंसू  को मेरे सोख सकता था,
चाहत तो उसे तू रोक सकता था ,
कौन हें जो अब दिल बहलाये,
कौन हें अब मुझे पे मिटजाये,
मेरे  दर्दो की अब दवा नही ,
उसे ढूढू कहाँ  अब कहाँ  नही,
उसकी यादो के दीपक दिन रात जले,
ना भूख लगे ना प्यास लगे,

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