Monday, October 11, 2010

राहो में फूल यूं ही दिन रात खिलते है ,

नये नये चहेरे कदम कदम पे मिलते है
निकल जाते हें कुछ यादो से हमारी,
रात भर कुछ चेहरे ख्वाबो में मिलते है,
मुस्किल हें बहुत ये राहे जिन्दगी ,
आओ साथ मेरे हम कुछ दूर चलते है,
यूं  ही चलते रहना साथ मेरे इस सफर ,
देखने हें अब कितने रास्ते बदलते है,
एक पल खुशी हें तो एक पल आंसू ,
रोज ही सुख दुख के चाँद  सुरज निकलते है,
थामे रहना तुम हाथ मेरा सदा यूंही ,
गम नही जो दोस्त मेरे दुस्मन बनते है
जो पा जाते हें अपनी मुहब्बत यारो,
 राहो में उनकी खुशियो के दीपक जलते है,

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