संग तुम्हारे है कितनी बहारे
दिये तुमने ही सपने प्यारे
मुस्कान बन छाये लबो पर
आँखों मे भर दिये हसीं नजारे
साथ यूही तुम रहो हमेशा
दूर हो के ना पल गुजारे
न किसी और की आस करू
न कोई बसे मन मे तुम्हारे
तुम्हारे लिए ही धडके ये दिल
हर धडकन तुमको ही पुकारे
आओ हम खाये ये कसम
टूटने न देंगे ख्वाब ये प्यारे
न कोई बसे मन मे तुम्हारे
ReplyDeleteतुम्हारे लिए ही धडके ये दिल
हर धडकन तुमको ही पुकारे
Beautiful poetry !
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3/10
ReplyDeleteआपमें क्षमता है ... सुन्दर भाव हैं
आप बेहतर लिख सकते हैं
थोडा वजन लाईये
@ ZEAL,
ReplyDelete@ उस्ताद जी,
फालो करने के लिए आभारी हूँ ।
खूबसूरत अल्फ़ाज़।
ReplyDeleteदीपक, एक सुझाव है - शीर्षक दिया करो जरूर कविता, गज़ल, गीत का। भविष्य में लोकेट करने में आसानी रहेगी।
@मो सम कौन,
ReplyDeleteएक बार फिर मार्गदर्शन के लिए आभार प्रकट करता हूँ
आपका सुझाव सर माथे पर