बात क्या हें दिल में बोली तो सही,
गुम सुम से यूॅ ही बैठे न रहो,
राज अपने दिल का खोलो तो सही,
मेरे सवाल पर तुम कुछ तो कहो,
जवाब न दिया मेरे सवाल का,
नजरे भी मुझसे मिलाते नही,
सिला होगा क्या मेरे प्यार का ,
क्यो आखिर मुझको बताते नही,
वक्त कभी भी ठहरता नही,
खामोशी में इसे बीत जाने न दो
जवानी यूॅ ही ये कट न जाये कही,
नजरो से नजरे मिलाने तो दो,
धीरे धीरे ही तो दिल का राज खुलता हें,
ये प्यार हें खामोशी में पलता हें,
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