हम तो पी जायेगे प्याला भी जहर का,
वो हाथो से अपने पिलाये तो सही,
कूद जायेगे हम बहते हुए दरिया में,
वो कर के इसारा बताये तो सही,
बता दूॅगा दिल के सब जज्बात उनको,
पर सूॅकून से पास मेरे वो बैठ जाये तो सही,
रखा हें क्या शराब में हम पिना छोड देंगे ,
एक बार होठो से होठ मिलाये तो सही,
आ जायेगे पार करके दरिया भी आग का,
पास अपने हमे वो बुलाये तो सही ,
उन से शिकायत हें यही वो जवाब नही देते,
जवाब मेरे खत का वो भिजवाते तो सही,
बिछ जायेगा फूल बनके राहो में दीपक,
वो घर मेरे आने का मन बनाये तो सही,
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