सामने की गली के
आखरी मकान मे
वो रहती है
वो
जो चुप होकर भी सब कहती है
सब जानती है पर चुप रहती है
वो
जो समाज से डरती है
फिर भी प्यार करती है
मन मे भावनाये जगाती है
सपने देखती और
दिखाती है
उठती है उसके मन मे भी तरंगे
परन्तु वह दबा देती है
बस एक बार उठाकर
पलके झुका देती है
वो
जो चुपचाप ले लेती है
मेरे हर खत को
पर कोई उत्तर नही देती है
जाने क्या है
उसके मन मे
खत देती नही
पर ले लेती है?
वो
जो चाहती तो है
पर अपनाती नही
छुपाये रखती है बताती नही
घर के किसी तन्हा कोने मे
आँसू छलकाती है
वो जिसे मै चाहता हूँ
जो मुझको चाहती है
वाह वाह..
ReplyDeleteक्या खूब लिखा है ... मज़ा आ गया....
बहुत बढ़िया लगी यह रचना
ReplyDeletedil ke bhawo ko darshati hui kavita. bahut hi umda rachna.
ReplyDeleteवो
ReplyDeleteजो चाहती तो है
पर अपनाती नही
छुपाये रखती है बताती नही
घर के किसी तन्हा कोने मे
आँसू छलकाती है
वो जिसे मै चाहता हूँ
जो मुझको चाहती है ...
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Mind blowing creation ! Deepak ji
badhaii !
.
देखिये छोटे भाई, कदे हैंडराईटिंग एक्सपर्ट के चक्कर न काटन पड़ ज्याऐं किसी दिन:)
ReplyDeleteखत ले रही है न? ये उत्तर ही तो है। हा हा हा
मन को छू लेने वाली कविता लिखी है आपने। बधाई।
ReplyDeleteसामने की गली के
ReplyDeleteआखरी मकान मे
वो रहती है
वो
दीपक भाई ये वो कौन है हमरे लिए भाभी ढूँढ ली है क्या
आपका भाई
संजय भास्कर
@ Shekhar Suman
ReplyDelete@ VIJAY KUMAR VERMA
@ ZEAL
@ ehsas
उत्साहवर्धन के आप सबका आभार
@ मो सम कौन
बडे भाई अभी तक तो सिर्फ ख्याली पुलाव पका रहा हूँ,
जब जरूरत होगी तो कमप्यूटर से टाईप कर के दे दूंगा
हैंडराईटिंग पकडे जाने का भी खतरा नही होगा
हा हा हा
@ संजय भास्कर
संजय भाई तलाश जारी है जब मिलेगी तो सबका बताऊगा
आपको सबसे पहले
"सामने की गली के
ReplyDeleteआखरी मकान मे
वो रहती है"
अरे! आप तो पता बताने लगे.इससे तो प्यार रुसवा हो जायेगा.
ये ग़लत बात,ध्यान रखिये.
"चाहती तो है
पर अपनाती नही"
एक काम की बात और समझ लीजिये:-
ख़ामोशी भी ज़बान होती है,
ये सादगी है और सादगी क़यामत की अदा होती है
जनाब इकठठा कर रही है देखना कहीं सर्दी मे हाथ ना सेंके
ReplyDelete(माफ करना आदत है मजाक करने की)
कविता बहुत अच्छी हैं
कृपया मो सम कौन और ज्योति की बात पर गौर फर्माया जाये!
ReplyDelete@ Kunwar Kusumesh Ji
ReplyDelete@ Jyoti Ji
@ Smart Indian Ji
आज आप लोग पहली बार आये है आपका स्वागत है
आप सबकी सलाह सर माथे पर
आपका स्नेह यूं ही मिलता रहे
धन्यवाद
बहुत अच्छी कविता है.
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