Friday, May 4, 2012

मैल

पैसा तो  हाथ  का मैल  है  (पुरानी कहावत ) 

बड़े वी आई पी मैल  हो ?
दिखाई  ही  नहीं देते,
किस  हाथ  पर  कितने चढ़े हो 
पता भी नहीं लग पाता 

जो दिन रात पसीना बहाता है 
दो रोटी के चक्कर में 
नहा भी नहीं पाता है 
हाथ धोना तो दूर 
मुंह भी बस इक बार धुल पाता है 
उसके साथ क्या  पंगा है तुम्हारा ?
क्या चिढ है उसके हाथ से  
जो तुम दूर भागते हो 

वे जो महंगे हैंड वाश लगाते है 
बीस बार हाथ धोते है 
दो बार नहाते है 
मेहनत से वास्ता नहीं 
बस हराम की खाते है 
घोटाला करके 
सबके हिस्से का मैल 
अपनी मुठ्ठी में दबा जाते है 
उनसे तो गहरी दोस्ती है तुम्हारी ?

सच बताओ तुम मैल ही हो ?
या हमारे बुढ्ढे हमें पागल बना गए ?