तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
यूँ ही रात भर जागने क्या मतलब
तकिये भिगोने का आधार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
एक तेरे ही बिना जी ना लगे
साथ हो सारा संसार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
अंखिया तो तेरे दर्शन की प्यासी
सामने मोहक चेहरों का अंबार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
तेरे प्रेंम में भीगना चाहे ये मन
फिर सावन की ठंडी फुहार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
जिससे बंधे हुए है आज तक
उस रिश्ते का प्रकार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
माना अब नही बात पहले सी
मन मे फिर भी ये गुबार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
डर तुमको अब लोक लाज का
मेरा कहो अब अधिकार क्या है
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
Tuesday, July 24, 2018
तुम ही बताओ मुझको प्यार क्या है
Tuesday, July 17, 2018
हमने तो चाहा था प्यार
हमने तो चाहा था प्यार, हमेशा दिया तुमने तिरस्कार
प्रिय अभी तुम हो रूपसी, कंचन काया ज्यों धूप सी
अंग अंग मुस्काते फूल, मादकता में गयी हो भूल
अमिट मेरा प्रेम केवल, मिट जायेगा यौवन श्रंगार
हमने तो चाहा था प्यार, हमेशा दिया तुमने तिरस्कार
हर आवश्यकता पर हाथ दिया, मांगा हर पल साथ दिया
सोचा कभी ना आगे पीछे, देखा कभी ना ऊपर नीचे
हमे छल गयी तेरी आँखे, तेरी आँखों को संसार
हमने तो चाहा था प्यार, हमेशा दिया तुमने तिरस्कार
हमने तो प्रेम योग किया, तुमने हमे उपयोग किया
हमने हर ली पथ की बाधा, तुमने हित बस अपना साधा
इस मन थी प्यास प्रेम की, उस मन भरे हुए थे अंगार
हमने तो चाहा था प्यार, हमेशा दिया तुमने तिरस्कार
तेरे यौवन का रस न चाहा, मादकता पर बस न चाहा
चाहे तो बस प्रेम के बोल, कह देते बस अधरों को खोल
"इस मन भी प्रेम जोत जली, रोशन जिससे ये संसार"
हमने तो चाहा था प्यार, हमेशा दिया तुमने तिरस्कार
नैनो में दर्शन की प्यास, गया लिए मिलन की आस
प्रेम असीम मन मे भरकर, पहुँचा जब भी तेरे दर पर
लौटा हूँ खाली हाथ प्रिये, अपमानित सा मैं हर बार
हमने तो चाहा था प्यार, हमेशा दिया तुमने तिरस्कार
Monday, July 9, 2018
बाते यू ही बनाने से क्या फायदा
बाते यू ही बनाने से क्या फायदा
बुझे दीपक जलाने से क्या फायदा
मेरी राधा हुई रुक्मणी और की
अब बाँसुरी बजाने से क्या फायदा
सारे सच तेरे है स्वीकार हमे
फिर सच को छुपाने से क्या फायदा
बात का असर तुम पे तो होता नही
एक ही बात दोहराने से क्या फायदा
प्यार की तो कोई कद्र ही नही
यू ही सबको जताने से क्या फायदा
ना कोई सवाल न कोई जवाब मिलता
नज़रे नज़रों से मिलाने से क्या फायदा
जिसको जरूरत नही रोशनी की "दीपक"
उसकी राहो में जल जाने से क्या फायदा