Thursday, September 13, 2018

बहुत पास आकर अब दूर जा रहे हो

बहुत पास आकर अब दूर जा रहे हो
सजा मुझको देते हो या खुद पा रहे हो
     मोहब्बत के सारे कसमे वादे
     भूलने लगे क्यो सारे इरादे
     मुझे देख जीना मुझे देख मरना
     चाहत में ऐसा भी था काम करना
     खफा क्यो मुझसे कुछ तो बताओ
     में बुलाता इधर हूँ तुम उधर जा रहे हो
बहुत पास आकर अब दूर जा रहे हो
सजा मुझको देते हो या खुद पा रहे हो
    यूँ मुझसे नजरें चुराओगे कब तक
    प्यार अपने दिल मे दबाओगे कब तक
    माना के किस्मत से बहुत से गिले है
    मिलकर के बिछड़े और अब फिर मिले है
    चाहत थी चाहतो का घर है बनाना
    अब बन रहा है तो क्यो दीवारे ढा रहे हो
बहुत पास आकर अब दूर जा रहे हो
सजा मुझको देते हो या खुद पा रहे हो