मै निठल्ला हूँ
दिन भर कुछ नही करता
बस सोचता हूँ
बेमतलब की बातों मे
मतलब खोजता हूँ
जब भी टी0वी0 खोलता हूँ
विज्ञापन दिखाई देता है
अर्धनग्न लडकी
साबुन दिखा रही है
या शरीर, समझ नही आता है
शैम्पू के विज्ञापन मे
टांगे दिखा रही है
टूथपेस्ट बेचने के लिए
होठो से होठ मिला रही है
बच्चे चाव से देखते है
मम्मी शरमा रही है
थोडी देर बाद
गीत चल जाता है
उसमे भी नग्न नायिका
नायक नजर आता है
टी0वी0 बन्द कर
अखबार खोलता हूँ
“एक और घोटाला हुआ“
“एक जोडी प्रेमी जलाया“
“सदन बंद रहा“
“विपक्ष ने हल्ला मचाया“
रोज की तरह यही
हेडलाईन थी आज भी
जो कल हुआ था
आज भी हुआ
और अखबार रख देता हूँ
सोचता हूँ
जो हुआ, क्यो हुआ
जो हो रहा है क्यो हो रहा है
क्या यही सब होगा भविष्य मे भी
क्यो नही आती ऐसी खबर
कि लगे हाँ अच्छा हुआ
क्यो नही दिखता कुछ ऐसा
जिसे देख मन प्रसन्न हो
नई पीढी कुछ अच्छा सीखे
कुछ भला हो इस देश का
लेकिन कैसे
मै सोचता हूँ
सिर्फ सोचता हूँ
करता कुछ नही
क्योकि
मै निठल्ला हूँ
दिन भर कुछ नही करता
बस सोचता हूँ
बेमतलब की बातों मे
मतलब खोजता हूँ
जब भी टी0वी0 खोलता हूँ
विज्ञापन दिखाई देता है
अर्धनग्न लडकी
साबुन दिखा रही है
या शरीर, समझ नही आता है
शैम्पू के विज्ञापन मे
टांगे दिखा रही है
टूथपेस्ट बेचने के लिए
होठो से होठ मिला रही है
बच्चे चाव से देखते है
मम्मी शरमा रही है
थोडी देर बाद
गीत चल जाता है
उसमे भी नग्न नायिका
नायक नजर आता है
टी0वी0 बन्द कर
अखबार खोलता हूँ
“एक और घोटाला हुआ“
“एक जोडी प्रेमी जलाया“
“सदन बंद रहा“
“विपक्ष ने हल्ला मचाया“
रोज की तरह यही
हेडलाईन थी आज भी
जो कल हुआ था
आज भी हुआ
और अखबार रख देता हूँ
सोचता हूँ
जो हुआ, क्यो हुआ
जो हो रहा है क्यो हो रहा है
क्या यही सब होगा भविष्य मे भी
क्यो नही आती ऐसी खबर
कि लगे हाँ अच्छा हुआ
क्यो नही दिखता कुछ ऐसा
जिसे देख मन प्रसन्न हो
नई पीढी कुछ अच्छा सीखे
कुछ भला हो इस देश का
लेकिन कैसे
मै सोचता हूँ
सिर्फ सोचता हूँ
करता कुछ नही
क्योकि
मै निठल्ला हूँ