जिन्दा हूॅ अभी के साॅस बाकी हें ,
चलाये रखता हें धडकन वा अहसास बाकी हें,
नब्ज थमने लगी ,आॅखे खुली हे फिर भी ,
सबब ये हें आने की उसके आस बाकी हें,
बेवफा कहता उसे वो रिस्ता तोड जाती ,
मुहब्बत का मेरी अधूरा किस्सा छोड जाती ,
वो गयी हें करके वादा आऊगी एक दिन,
मेरे होठो पर अभी वो प्यास बाकी हें,
तडपा.तडपा के यूॅ मेरा वो इम्मितहान लेती हें,
जुदाई के खंजरो से वो मेरी जान लेती हें,
रूक गयी साॅसे बन्द हो गयी धडकन ,
दीदार को अब भी खुली आॅखे बाकी हेें,
ऐसे तो ना खत्म होगा किस्सा मेरे प्यार का,
कुछ जो सिला देगा मुझे खत मेरे इकरार का ,
दर पे अपने बैठा हॅू बरसो से इस लिए ,
आना अभी तो नाम मेरे जवाब बाकी हें,
जायेगा खत तेरा कट जायेगी तन्हाई ,
आया तो प्यार की होगी बडी रूसवाई ,
खत भेज दो या तोड दो दिल र्मजी तुम्हारी ,
तन्हाई में बात करने को तेरी याद काफी हेें,
बहुत बेह्तेर. आप लिखते रहें हम को भी कुछ नया पढने को मिल जाएगा.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा धन्यवाद|
ReplyDeleteसैनी भाई, सबसे पहले ब्लॉग जगत में आपका बहुत-बहुत स्वागत है. जहाँ तक आपकी रचना की बात है, आपके विचार बेहद अच्छे हैं, और उनका प्रस्तुतीकरण भी बढ़िया है. थोड़ी बहुत शब्दों की गलतियाँ सुधर लेंगे तो मज़ा आ जाएगा. आगे के लिए बधाई.
ReplyDeletewww.daastan-e-dil.blogspot.com
"तडपा तडपा के यूँ मेरा वो इम्मितहान लेती हें,
ReplyDeleteजुदाई के खंजरो से वो मेरी जान लेती हें"
वाह वाह
शुभकामनाएं
saini ji...... bahut khub
ReplyDeleteखत भेज दो या तोड़ दो दिल मर्जी तुम्हारी ,
ReplyDeleteतन्हाई में बात करने को तेरी याद काफी है...
बहुत खूब...बहुत अच्छा लिखा है...यूं ही लिखते रहिए...थोड़ा वर्तनी का ध्यान रखिए...
http://veenakesur.blogspot.com/
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
badya likha hai, aise hi likhte rahiye....
ReplyDeletePlease Visit My Music Blog For Music Songs...
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