दीपक हूॅ में मेरी ज्योति हो तुम,
सीप हूॅ में मेरा मोती हो तुम,
में शरीर मेरी आत्मा हो तुम,
में सेवक तो परमात्मा हो तुम,
दिल में बसने वाली धडकन तुम हो,
नादानॅ मेरे दिल की तडपन तुम हो,
लबो पे आये जो ,हरपल वो नाम तुम हो,
मेरे जीवन की सुबह ओ ,शाम तुम हो ,
दिल में रहे जो हर पल वो ख्याल हो तुम,
रहेगा जो उम्रभर वो मलाल हो तुम ,
बहता रहूॅ जिसमें वो सरिता हो तुम,
में पागल कवि कविता हो तुम,
मेरे दिल में ख्यालो में आॅखो में तुम हो,
कभी ढूढ कर देखो मेरी बातो में तुम हो,
मेरे मन मन्दिर की मूरत हो तुम,
महसूस तुम्हे करता हूॅ, मेरी सांसो में तुम हो,
No comments:
Post a Comment