Saturday, September 4, 2010

Har Pal Meri Nazron Me

हर पल मेरी नजरो में ,बस एक ही नजारा हैं,

बस गया है जो दिल मैं वो चेहेरा तुम्हारा हैं,
रहता हैं ख्याल.ए.नजर सौते जागते मुझे ,
चल रहा हूॅ,फूलो पे,हाथो में हाथ तुम्हारा हैं
कहा नही तुमसे ,अब तक तो क्या हुआ ,
मेरे दिल ने बस तुम्ही को हर पल पुकारा हें,
बार.2 आये मन में चादर बिछी हें फूलो की ,
उठा रहा हूॅ ,जो में द्युद्यठ तुम्हारा हैं,
र्सिफ एक गजल नही ,बात है मेरे दिल की,
लिखा हैं जो भी हाल.ए.दिल हमारा हैं,
बताओ जरा क्या आता हें तुम्हे याद कभी,
ये माटी का दीपक क्या तुमको भी प्यारा हैं,

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