मेरे दिल में बस गयी जो धडकन की तरह
महका दी मेरी दुनिया ,मधुबन की तरहा,
देखा उसे तो लगा ,मुझे उसी की तलाश
प्यासे मेरे इस दिल को उसी की प्यास थी,
सपनो में आता रहा जो ,अजनबी सा चेहरा
लगता हें तुम्हारा ही था वो रूप सुनहरा ,
चला दिया जादू जब भी ,लबो की पंखुडियों खोली,
दिल जीत लेती हें सबका मीठी सी बोली ,
आ अब ,दीपक, की जीवन जोत जला जाद्व
मेरे दिल से अपने दिल की डोर मिला जा,
तू ही मेरी पुजा हें, अब तू ही मेरी आराधना,
करता हें मन मेरा बस तुम्हारी ही उपासना,
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