आजा रे आजा हरजायी ,
के दिल को तेरी याद आयी ,
इस सावन ने आग लगायी ,
चाॅदनी रातो ने तारो की बारातो ने ,
बागो के फूलो ने सावन के झुलो ने ,
गाॅव की गलियो ने महकती कलियो ने
मिल के ये आवाज लगायी ,
के दिल को तेरी याद आयी,
कोयल ने गाया हें ,तुमको बुलाया हें,
हवाये आती हें तुमको बुलाती हें,
दिल ये रोता हें आॅखे तरसती हें,
आॅसू देते हें दुआई ,
के दिल को तेरी याद आयी ,
जब भी हम मिलते थे फुल दिल के खिलते थे ,
आॅखो मे आॅखे थी बहकी सी साॅसे थी ,
उन्ही ख्वाब अपनो ने मीठे से सपनो से,
दिल में ये पीड जगायी ,
के दिल को तेरी याद आयी,
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