जिन्दगी क्यो तू मुझको ऐसे तडपाती हें,
बहार आने से पहेले खिजा चली आती हें,
कुछ पल की खुशिया फिर आॅसुओ की कतारे ,
किस्मत क्यो मुझको ऐसे रंग दिखाती हें,
खुद को समझाऊगा कैसे लौअ आयेगी तू,
रूठ कर मेरी दूनिया से तू चली जाती हें ,
आॅसूओ को पी जाना मेरी आदत हो गयी हें,
मेरे लिऐ क्यो तू अपने मोती बहाती हें,
होता मेरे बस में तो रोक लेता तुमको ,
बेबसी हें मेरी तू मुझे छोड कर जाती हें ,
दूर रहके भी तम्हे न भूल पायेगा ,दीपक,
लोग कहते हें जुदाई दिलो को करीब लाती हें,
सौचता हूॅ रास्ता ये कैसे तेरे बिन कटेगा ,
आयेगा कब वो दिन फासला ये हटेगा ,
गम होता कोई और तो बाॅट लेता साथ यारो के,
ये तेरी मुहब्बत का गम तेरे ही बटेगा ,
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