Thursday, September 9, 2010

जिन्दगी क्यो तू मुझको ऐसे तडपाती हें,


बहार आने से पहेले खिजा चली आती हें,

कुछ पल की खुशिया फिर आॅसुओ की कतारे ,

किस्मत क्यो मुझको ऐसे रंग दिखाती हें,

खुद को समझाऊगा कैसे लौअ आयेगी तू,

रूठ कर मेरी दूनिया से तू चली जाती हें ,

आॅसूओ को पी जाना मेरी आदत हो गयी हें,

मेरे लिऐ क्यो तू अपने मोती बहाती हें,

होता मेरे बस में तो रोक लेता तुमको ,

बेबसी हें मेरी तू मुझे छोड कर जाती हें ,

दूर रहके भी तम्हे न भूल पायेगा ,दीपक,

लोग कहते हें जुदाई दिलो को करीब लाती हें,

सौचता हूॅ रास्ता ये कैसे तेरे बिन कटेगा ,

आयेगा कब वो दिन फासला ये हटेगा ,

गम होता कोई और तो बाॅट लेता साथ यारो के,

ये तेरी मुहब्बत का गम तेरे ही बटेगा ,

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