Thursday, September 9, 2010

रोको न हाथ मेरा ,पैमाने को भरने दो,


अरसे से दबे हूए आॅसूओ को निकलने दो,

उसकी किस्मत में हें यही वो मिट कर रहेगा ,

शमा को मत बुझाओ ,परवाने को जलने दो ,

सामने होकर भी क्यो चुराते हो नजरे ,

आॅखो से दिल की चाहत दिल में उतरने दो,

किस्सा एक सुनाने को बेताब हें बहुत ये दिल,

बहार आज दिल से इस आग को निकलने दो ,

अब तक ये बिछे फूल राहे गुजर मे मेरी ,

तोहफे में जो मिले हें उन काॅटो पर चलने दो ,

चाहते हो अगर रोैशनी हो जाये दिलो में,

मुहब्बत की आग में आज ,दीपक को जलने दो,



कत्ल करे जिष्म का सजाये मौत मिलती हें,

उन दिल के कातिलो की सजा क्या होगी ,

दिखा कर ख्वाब मंजिलो का छोड जाते हें जो

रोकगी बढके रास्ता जो ,टुटे दिलो की सदा होगी,

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