ऐ इश्क जरा ये तो बता,
तू र्दद हें या दर्दो की दवा,
दरिया पानी का या आग कोई,
तूफान हें तू या धीमी हवा,
बिन आग जलाये वो हें तू ,
चुप चाप बुलाये वो हें तू ,
मुस्कान लबो पे लाये तू ही ,
सारी रात रूलाये वो हेें तू ,
रातो की नींद चुराये तू ,
तिल तिल कर तडपाये तू,
गैर को अपना बना दिया ,
अपनो को गैर बनाये तू ,
जवाॅ दिलो की धडकन हें तू ,
प्यासे लबो की फरकनहें तू ,
रास्ते नाम के खोले तू ही ,
नाम के रास्तो की अडचन हेें तू,
तू ही तो हर दिल का सनम हें ,
बस तू ही तो सच्चा करम हें,
लाखो दुनिया में नाम तेरे,
तू क्या हें तू एक भरम हें
खुशी भी हें तू ही गम हें ,
भरी बज्म में आॅख नम हें ,
कहती हें दुनिया इष्क बुरा ,
तु जितना मिले लेकिन कम हें,
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