फिर बजा सितार कोई,
फिर कोई कली मुस्काई,
फिर कूकी कोई कही,
फिर फूलो ने ली अंगडाइ्र्र,
जैसे गून.गून भॅवरे ने किया,
जैसे सर.सर चली हवा ,
जैसे झर.झर ढरना गिरा,
जैसे धक.धक करे जिया,
कॅही किसी ने तान लगायी ,
कॅही चिडियो ने सुबह जगायी,
कॅही बोला पपीहा कोई
कॅही रागी ने सरगम गायी,
शायद किसी की चुडिया खनकी,
शायद किसी की झूमरी झमकी ,
शायद किसी ने द्यूद्यरू बजाये,
शायद किसी की पायल छमकी ,
शायद पत्तिया हवा में डोली ,
कही बाग में मोरनी बोली ,
फिर संगीत से भर दी दुनिया ,
जैसे ही अधरो की पंखुडिया खोली,
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