Monday, January 1, 2018

मुझे याद करके

मुझे याद करके वो रात भर जागती है
फिर भी क्यों वो मुझसे दूर भागती है
मुझे प्यार करती हैं वो दिल ओ जान से
फिर भी इस बात को वो नही मानती है
कुछ तो मजबूरिया है उसकी भी
यूँ नही आंखों पे झूठ की पट्टी बांधती है
मेरे बिना तो वो भी अधूरी है
फिर भी पूरी होने को पाप मानती है
प्यार के तार पर  प्यार की चादर टिकेगी
बेकार उस पर दोस्ती कर रुमाल टाँगती है

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