Monday, January 15, 2018

मुस्कुराते रहना तुम, मुझे गीत सुनाने है

मुस्कुराते रहना तुम, मुझे गीत सुनाने है
           कोयल बाग में जब कूकेगी
            मेरी निंदिया तब टूटेगी
           चिड़ियों की जब चल चल होगी
           मन मे तब कोई हलचल होगी
           प्यारी सुबह के कुछ मंजर
           आंखों से भुनाने है
मुस्कुराते रहना तुम, मुझे गीत सुनाने है
          सूरत तेरी, आंखों में भर लूँ
          हाथ तेरे, हाथो में धर लूँ
          सितारे तोड़ के मैं ले आउ
          उनसे तेरी माँग सजाऊ
         तेरी सांसो की  खुशबू से
         सपने महकाने है
मुस्कुराते रहना तुम, मुझे गीत सुनाने है

5 comments:

  1. मुस्कुराते रहना तुम, मुझे गीत सुनाने है...बहित ही लाजवाब

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  2. वाह वाह कितनी बढ़िया कविता

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