दीवाली पे कितने दीपक जले
कोई ना जले ज्यो दीपक जले
हूक उठती एक मन मे
देख अन्धेरा अपने ही तले
वो ना आये देर रात तक
जिनके लिए हम शाम से जले
औरो को राह दिखा दी लेकिन
खुद रहे वही पे खडे
बाँहे पसारे खडे रहे हम
ओरों से मिले वो जा के गले
जिसको चाहा उसने ना चाहा
प्यार की और क्या सजा मिले
उसके सितम की इंतहा है ये
दीपक तरसे अपनी ही ज्योति के लिए
भावुक कर देने वाली बेहतरीन रचना। प्यार में तो ऐसा ही होता है। ये डगर आसान नहीं।
ReplyDeleteउसके सितम की इंतहा है ये
ReplyDeleteदीपक तरसे अपनी ही ज्योति के लिए
बहुत ही प्यारी लाईन है। आभार
अपनी भावनाओं को खूबसूरत शब्दों में पिरोया है आपने.....
ReplyDelete... bahut khoob ... behatreen !!!
ReplyDeleteउसके सितम की इंतहा है ये
ReplyDeleteदीपक तरसे अपनी ही ज्योति के लिए
@ दीपक भाई आपने तो भावुक कर दिया
दीपक,
ReplyDeleteअच्छा लिखा है!
शायद मेरे पोस्ट पे पहले छापा ये मुक्तक भी यही भाव लिए है:
परवाने आते हैं बहुत शमा जो जलती है अगर!
देता है कोई साथ कहाँ लेकिन दूर तक मगर?!
मैं मोम हूँ जो तेरे संग जलता हूँ पिघलता हूँ!
दूंगा साथ तेरा दिलबर तेरी जुल्फों के पकने तक!
आशीष
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नौकरी इज़ नौकरी!
@ झील जी,
ReplyDelete@ एहसास जी,
@ दीपक बाबा जी,
@ उदय जी,
@ संजय भास्कर जी,
@ आशीष जी,
अपना कीमती समय देने व हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद
इत जले दीपक उत मन मोरा.. आपके भाव इतने स्पष्ट दिख रहे हैं इस कविता में कि कोई भी महसूस कर सके!!
ReplyDeleteबढ़िया अभिव्यक्ति ! शुभकामनायें
ReplyDeleteभावुकता से सीजी निग्घ वाली कविता. अच्छी प्रस्तुति.
ReplyDelete@ सम्वेदना के स्वर जी,
ReplyDelete@ सतीश सक्सेना जी,
@ भूषण जी,
@ कुवँर कुसुमेश जी,
अपना कीमती समय देने व हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद
प्यार किये जा। हा हा हा...
ReplyDeleteउसके सितम की इंतहा है ये
ReplyDeleteदीपक तरसे अपनी ही ज्योति के लिए
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां ....बधाई सुन्दर लेखन के लिए ।
भावुक कर देने वाली बेहतरीन रचना।
ReplyDeleteप्यार में तो ऐसा ही होता है।
ये डगर आसान नहीं।
प्यार की राह में कराल महा , तलवार की धार पे धावन है ...
@ मो सम कौन जी,
ReplyDelete@ सदा जी,
@ अशोक मिश्र जी,
अपना कीमती समय देने व हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद
जिनके लिए हम शाम से जले
ReplyDeleteऔरो को राह दिखा दी लेकिन
खुद रहे वही पे खडे
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यह राह नहीं आसन
यहाँ नहीं कोई धर्म और ईमान
बा बढ़ते चलो
बिना किसी इच्छा के
बहुत बढ़िया ...दिल को प्रभावित करने बाली...शुक्रिया
very good.
ReplyDelete@ Kewal Ram ji,
ReplyDelete@ mridula pradhan ji,
अपना कीमती समय देने व हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद
बहुत ही प्यारी रचना... बहुत खूब...
ReplyDeletebahut khoob naam ka khyal to rakha hai aapne
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