Monday, January 22, 2018

एक बार मुझे तुम बुलाना प्रिये

बात कोई दिल पे लग जाये
तुमको जब कभी नींद न आये
बिस्तर लगे कांटो की चादर
तकिया भी गीला हो जाये
             तब मुझको आवाज लगाना प्रिये
              एक बार मुझे तुम बुलाना प्रिये
जीवन के सफर में थक कर
बैठो जब तुम किसी पथ पर
दामन आशाओ का छूटे
निराशा बैठे कोई हठ कर
            तब मुझको आवाज लगाना प्रिये
            एक बार मुझे तुम बुलाना प्रिये
दूर तक न रोशनी दिखाई दे
शोर में न कुछ सुनाई दे
टूटे हर सपने की कड़ी
दिखाई न अपनी ही परछाई दे
            तब मुझको आवाज लगाना प्रिये
            एक बार मुझे तुम बुलाना प्रिये
आईना जब डराने लगे
अपने ही जब सताने लगे
काले केश स्वेत हो जाये
ताने कानो में घुल जाने लगे
           तब मुझको आवाज लगाना प्रिये
           एक बार मुझे तुम बुलाना प्रिये
उदासियों का अंधेरा हो
जब कुंठाओ ने घेरा हो
प्राण छोड़ने को जी चाहे
लगे बस अब ना सवेरा हो
            तब मुझको आवाज लगाना प्रिये
            एक बार मुझे तुम बुलाना प्रिये

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