Saturday, December 16, 2017

कुछ मुक्तक

टुकड़े टुकड़े  जिंदगी और घुटी घुटी सी सांस
लम्हा लम्हा खुशी मिली, बिखरी बिखरी आस
जाने क्या क्या लिखा किस्मत में मेरी रब ने
कतरा कतरा जल मिला और लंबी लंबी प्यास

तेरी एक छुअन से चहकने लगे है
खुशबू से हम तो महकने लगे है
तुमको कसम है पलके झुका लो
आंखों से तुम्हारी बहकने लगे है

काश तेरे इस हाथ पर मेरा हाथ होता
सपनो की तरह हकीकत में तेरा साथ होता
दुनिया का क्या उससे तो लड़ लेता मैं
दोस्ती निभाने को अगर तेरा साथ होता

प्यार तुमको अपना जताना ही पड़ेगा
बांहो मेरी एक दिन तुम्हे आना ही पड़ेगा
अभी ढील दी है चाहे जितना उड़े पतंग
जब डोर खिचूंगा जमी पे आना ही पड़ेगा

तुम्हारी जान में जानम हमारी जान बसती है
निकलती है जान मेरी जब मेरी जान हंसती है
तुम्हे मालूम ही क्या किसी की जान की कीमत
तुम्हारी जान पर तो जान हजारो जान छिड़कती  है

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