Sunday, November 5, 2017

कुछ मुक्तक

मोहब्बत चीज क्या है बस एक अहसास ही तो है
तू मुझसे दूर है लेकिन दिल के पास भी तो है
तू मेरी बात करती है मैं तेरी बात करता हूँ
और बाते ज़माने की सब बकवास ही तो है

तुझे जिसकी कद्र न थी मेरी आँखों का पानी था
हरदम बेताब थी जिसको वो ख्वाब बे मानी था
जला कर ख़ाक की तुमही ने मेरी चाहत की दुल्हन
तुम्हारा प्रेम ही तो मेरे जीवन की निशानी था

प्यार ऐसी कहानी है जिसे हम पढ़ नहीं सकते
ये अपने आप बनती है इसे हम घड़ नहीं सकते
कदम दर कदम दोनों का इसमें बढ़ना जरूरी है
जितना बढ़ गया हूँ मैं , तुम उतना बढ़ नहीं सकते

तेरी आँखों के प्रश्नो का उत्तर हम को देना है
मेरी आँखों के प्रश्नो का उत्तर तुम को देना है
क्यों करते हो तुम बातें  मुझसे दुनिया ज़माने की
हम दोनों को अब दुनिया से क्या लेना देना है

तू फूलो की क्यारी है तो, काँटों की थाली हम भी नहीं
तू सीधी सादी लड़की है तो, गुंडे मवाली हम भी नहीं
तुझे चाहत  और की है तो , सिर्फ तेरे सवाली हम भी नहीं
तुझे न फुर्सत बात करने की तो, काम से खाली हम भी नहीं

4 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (07-11-2017) को
    समस्यायें सुनाते भक्त दुखड़ा रोज गाते हैं-; 2781
    पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. बहुत ही लाजवाब मुक्तक हैं सभी ...

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