तुम्हारी हर सफलता की दुवाये हमने भी की है
तुम्हारे ज्ञान के पीछे तो मेहनत हमने भी की है
उड़ो बेशक जाहे जितना मगर इतना समझ लो तुम
ताकत आसमा छूने की तुमको हमने ही दी है
तुम अपने मतलब से रिश्ते सब जोड़ लेते हो
ना जिसकी जरूरत हो उसको छोड देते हो
सीढ़ी दर सीढ़ी ही ऊपर को जाती है ये दुनिया
तुम्हारी फितरत है तुम निचला डंडा तोड़ देते हो
मैं जितना पास आता हूँ तुम उतने दूर जाते हो
जरा ये भी तो कहदो तुम मुझसे क्या चाहते हो
मुझे छोडो या अपनाओ ये मर्जी तुम्हारी है
तुम्हे मै प्यार करता हूँ ये क्यों भूल जाते हो
जो मुझसे चाह नहीं है तो फिर क्यों बात करती हो
समय बर्बाद क्यों अपना तुम दिन रात करती हो
मेरी चाहत को अपना लो या मुझसे दूर हो जाओ
किसी कशमकश में क्यों मेरे जज्बात करती हो
सुन्दर हो तुम तो काले कलूटे हम भी नहीं है
सच्चे हो तुम तो यार झूठे हम भी नहीं है
क्या गुमाँ है जो हमें इग्नोर करते हो
साबुत हो तुम तो टूटे फूटे हम भी नहीं है
हमें तो याद है अब भी वो पहले प्यार की खुशबू
हँसते मुस्कुराते से हँसी दिलदार की खुशबू
ज़माने ने छीना हमसे हमारे प्यार का नगमा
मगर न छीन पाया वो मुझसे मेरे यार की खुशबू
मेरी प्रेम कहानी का हर किरदार तुमसे है
तुम्हे कैसे बताये हम कितना प्यार तुमसे है
तुम्हारा नाम लेते ही लडखडाती है मेरी साँसे
ज़माने की जफ़ाओं में बस एतबार तुमसे है
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, बुजुर्ग दम्पति, डाक्टर की राय और स्वर्ग की सुविधाएं “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeletewah wah
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