चन्द लम्हे मिले थे हमें प्यार के
बाकि सब थे मिले इंतज़ार के
हम महकते रहे वो धहकते रहे
वो बदलते रहे हम मचलते रहे
वक्त वो खूब था पास महबूब था
जान अपनी थी हम उनपे वार ते
चन्द लम्हे मिले थे हमें प्यार के
वो पास आते थे हम खिल जाते थे
रोज सपनो में हमको वो मिल जाते थे
चाँदनी रात में ले हाथ को हाथ में
सारे बंधन थे तोड़े हमने संसार के
चन्द लम्हे मिले थे हमें प्यार के
आंधी ऐसी चली मुझे फिर ना मिली
टूटे सपने मेरे दिल की दुनिया हिली
वो रोने लगी दूर होने लगी
रिवाज़ उसको निभाने थे घर बार के
चन्द लम्हे मिले थे हमें प्यार के
Friday, November 24, 2017
चन्द लम्हे मिले थे हमें प्यार के
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good
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