वो जब से पास आने लगे है
मेरे जख्म मुस्कुराने लगे है
जागने लगी सोई हसरते मेरी
वो सपने नए दिखने लगे है
भूल बैठे थे जिस मधुर गीत को
गीत वो फिर हम गुनगुनाने लगे है
कभी अंधेरो कभी उजालों की तरह
वो मुझसे नज़रें मिलाने लगे है
होता नहीं यकीन अंपनी आँखों पे
अचानक सामने वो मुस्कुराने लगे है
बुझ जाना ही जिनकी किस्मत बन गया था
दीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
होता नहीं यकीन अंपनी आँखों पे
अचानक सामने वो मुस्कुराने लगे है
बुझ जाना ही जिनकी किस्मत बन गया था
दीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
बुझ जाना ही जिनकी किस्मत बन गया था
ReplyDeleteदीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
प्रेमपरक गीत आशावादी दृष्टिकोण के साथ.बहुत अच्छा है.
हाय!
ReplyDeleteक्या हो रहा है मैं अपना पुराना बलोग बदल गया है?
आप नीचे मेरी नई टिप्पणी है
और Plz मुझे एक नई टिप्पणी दे आपकी याद आती है.
मेरा नया बलोग है ... ..
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.http://smshindi-smshindi.blogspot.कॉम
"आगे "
दम हैं नई टिप्पणी दे
मिस करने के लिए...............आपका सोनू
bhut khubsurat...
ReplyDeleteमेरी लड़ाई Corruption के खिलाफ है आपके साथ के बिना अधूरी है आप सभी मेरे ब्लॉग को follow करके और follow कराके मेरी मिम्मत बढ़ाये, और मेरा साथ दे ..
ReplyDeleteअच्छा जी..!! हँसते जख्म हो रहे हो:))
ReplyDeleteलगता है ज्यो.. ने रूठना बंद कर दिया है, गुड लक।
आशावादी कविता ! किन्तु कही ये बुझने से पहले की टीम टिमाहट तो नहीं है |
ReplyDeleteहोता नहीं यकीन अंपनी आँखों पे
ReplyDeleteअचानक सामने वो मुस्कुराने लगे है
तो झटका तो नहीं लगा न ..चलो आप भी मुस्करा लीजिये ..रंजो गम को मिटा दीजिये
वो जब से पास आने लगे है
ReplyDeleteमेरे जख्म मुस्कुराने लगे है
भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई.
बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteबुझ जाना ही जिनकी किस्मत बन गया था
दीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
बहुत खूबसूरत शेर.
मेरे जख्म मुस्कुराने लगे है ...वाह !...गजब कि अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteदीपक जी बहुत ही सुन्दर गजल
ReplyDeleteहोता नहीं यकीन अंपनी आँखों पे
अचानक सामने वो मुस्कुराने लगे है
बुझ जाना ही जिनकी किस्मत बन गया था
दीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
दीपक जी बढ़िया गजल लिखी
ReplyDeleteCongrats on INDIAS CRICKET WORLD CUP VICTORY
ReplyDeleteभावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण| धन्यवाद|
ReplyDeleteदिन मैं सूरज गायब हो सकता है
ReplyDeleteरोशनी नही
दिल टू सटकता है
दोस्ती नही
आप टिप्पणी करना भूल सकते हो
हम नही
हम से टॉस कोई भी जीत सकता है
पर मैच नही
चक दे इंडिया
हम ही जीत गए
भारत के विश्व चैम्पियन बनने पर आप सबको ढेरों बधाइयाँ और आपको एवं आपके परिवार को हिंदी नया साल(नवसंवत्सर२०६८ )की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!
आपका स्वागत है
121 करोड़ हिंदुस्तानियों का सपना पूरा हो गया
very positive thought,keep it up ....
ReplyDeleteचक दे इंडिया
ReplyDeletebahut acchee lagee aapkee ye gazal.........
ReplyDeleteवो जब से पास आने लगे है
ReplyDeleteमेरे जख्म मुस्कुराने लगे है
बहुत खूबसूरत गजल
होता नहीं यकीन अंपनी आँखों पे
ReplyDeleteअचानक सामने वो मुस्कुराने लगे है ...
बहुत खूबसूरत ... प्यार में ऐसे शेर अपने आप ही निकल आते हैं ... लाजवाब ग़ज़ल ...
वो जबसे पास आने लगे हैं
ReplyDeleteमेरे जख्म मुस्कुराने लगे हैं
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बढ़िया मुखड़ा ....अच्छे भाव
वाह...बहुत खूब....:) अच्छा लगा पढ़कर...
ReplyDeleteबुझ जाना ही जिनकी किस्मत बन गया था
ReplyDeleteदीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
बहुत खूबसूरत गजल....
@ दीपक वो फिर से टिमटिमाने लगे है
ReplyDeleteवाह! दीपक का प्रयोग यहाँ कौन सा अलंकार है, बतायेंगे?
दिपक भाई लगता है आपको प्यार हो गया है। मजाक कर रहा हुॅ। सुदंर गजल है। वैसे इश्क में लोगो का हाल ऐसा ही कुछ होता है।
ReplyDelete@ स्मार्ट इंडियन जी,
ReplyDeleteमै ज्यादा पढा लिखा तो नही हूँ और ना ही मुझे इन साहित्यक सौन्दर्यो की ज्यादा जानकारी है। जितना पता है उसके अनुसार यहा उपमा अंलकार है।
यदि गलत होऊ तो अवगत जरूर करायें।
धन्यवाद
bahut achche Deepak bhai
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