और कब तक
बैठी रहेगी,यूं ही घुटनो पे रखे सर,
मुँह छुपाये,
वो ना आयेगा
जिसके लिए बैठी है बरसो से
आना होता
तो आ जाता अब तक
अब तो जाने लगा रवि भी
पर तेरी आस न गयी अब तक,
भूल जा
एक स्वप्न जानकर
उसके प्रेम को
भूल जा कोई आया था
महकाने दुनिया
रंग देने अपने रंग मे
तेरे तन मन को,
वो भंवरा था
चला गया रस पीकर
नई कली की
अधखिली की तलाश मे
उसे अटूट प्यार किया ना
पगली ने
मन क्या तन भी वार दिया
ये भी ना सेाचा
ये भी ना जाना
कल क्या होगा,
विश्वास बहुत था न उस पर
अपने प्रेम पर,
जाने क्या क्या
सपने सजाये होंगे
उसके लिए
प्यार के, घर बसाने के
उसके साथ
उसकी बातों मे आकर,
अब, टूट गया ना तेरा विश्वास
लूट गया ना वो,
तेरा तन - मन ओर सुख चैन,
सब कुछ,
और तू पगली
अब भी बैठी है
घुटनो मे मुंह छुपाये
उसे याद करके
इसी पेड के नीचे
तालाब किनारे
उसका इंतजार करती है
आंसू बहाती है
उसे याद करके
उस निर्मोही को
जिसे कद्र न हुई तेरी
तेरे प्यार की ,
चला गया
मुंह मोड कर
तुझे छोड कर
मन को तोड कर
जब उसे नही तेा
तू क्यो करती है उसकी परवाह
और कब तक याद करेगी उसे
बोल, कुछ तो बोल
“टूटा तन टूटा मन
टूट गया विश्वास
मै रहूगी बैठी यही
जब तक न टूटेगी आस “
... kyaa baat hai ... bahut sundar !!!
ReplyDeleteविज़िट के लिए धन्यवाद. आपकी ग़ज़लें देख रहा हूँ. अच्छी लगीं. यह रचना सुंदर भाव लिए है.
ReplyDeleteसांस चलने तक आस नहीं छूटनी चाहिये।
ReplyDeleteएक फ़ीचर और जोड़ दिया आज, खूबसूरत चित्र के लिये बधाई।
वैल डन दीपक, शुभकामनायें।
waah bahut khub....
ReplyDeletemaaf kijiyega deepak bhai समये ka thoda abhaw hai isliye tippani short mein hi nipta raha hoon...
fursat milne par phir aate hain ghumne ko....
“टूटा तन टूटा मन
ReplyDeleteटूट गया विश्वास
मै रहूगी बैठी यही
जब तक न टूटेगी आस
Achchha hai....vishwaas jagaane walaa
Rajesh "Nachiketa"
http://swarnakshar.blogspot.com/
@ उदय जी,
ReplyDelete@ भूषण जी,
ब्लाग पर आकर हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद।
@ मो सम कौन
भाई साहब इस कविता के लिए ये फोटो बहुत जरूरी था।
और ये फोटो ही इस कविता की प्रेरणा है
आभार
@ शेखर सुमन
आजकल ज्यादा ही बिजी हो गये हो।
भगवान करे हमेशा बिजी ही रहो (कर्म ही पूजा है)
हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद।
@ राजेश कुमार “नचिकेता“ जी
ब्लाग पर आकर हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद।
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ReplyDeleteमै रहूगी बैठी यही
जब तक न टूटेगी आस...
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बेहद खूबसूरत और प्रेरक पंक्तियाँ । आस ही तो है जो हमें जीवित और प्रयत्नशील रखती है।
Being optimistic and hopeful is the best way to live our lives.
Brilliant creation Deepak ji.
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प्यार में धोखा खाना तो आम बात हो गई है
ReplyDeletevery nice.
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा रचना है आपकी
ReplyDeleteआपको बधाई
सुन्दर रचना !
ReplyDelete@ ZEAl Ji,
ReplyDelete@ Kunwar Kusumesh Ji,
@ Poorviya Ji,
@ Rajkumar Soni Ji,
@ Indranil Bhattacharjee Ji,
ब्लाग पर आकर हौसला अफजाई के लिए धन्यवाद।