Sunday, April 1, 2018

तुम कहते हो प्यार

कैसे तौलू क्या था वो, मिला जो तुमसे उपहार
तुम कहते हो प्यार उसे,और वासना कहे संसार
         साथ चले फिर भी न मिले ज्यो नदिया के किनारे
         अलग अलग थे फिर भी एक थे अपने भाग्य सितारे
         तुम्हारे अंतर में मैं था और मेरे अंतर में थे तुम
         किस्मत ने किया अलग हमे, बने अपने अलग सहारे
         बीते इतने बरस फिर भी, नही उतरा ये ख़ुमार
         तुम कहते हो प्यार उसे,और वासना कहे संसार
कैसे तौलू क्या था वो, मिला जो तुमसे उपहार
तुम कहते हो प्यार उसे,और वासना कहे संसार
         मन मिला, तन मिला, फिर मिली समाज की बाधा
        बहुत कम पाया हमने , और खोया बहुत ज्यादा
        सैकड़ो बेड़िया तोड़ी , तब मिला प्रेम का बंधन
        अपने इस  बंधन से समाज की टूटी सब मर्यादा
        तरह तरह के आरोप लगाये, भर भर के हुंकार
        तुम कहते हो प्यार उसे,और वासना कहे संसार
कैसे तौलू क्या था वो, मिला जो तुमसे उपहार
तुम कहते हो प्यार उसे,और वासना कहे संसार

1 comment:

  1. वाह क्या कह दिया कवि ने

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