Thursday, November 17, 2011

धूल

कितने ही रास्तो से,
आती आज भी उड कर धूल,
लग जाती मेरे सीने से,
स्मॄत हो आते 
वो क्षण,
जब चले थे उन पर 
थाम कर हाथ 
एक दूजे का,

पूछ्ता है वो पेड
पत्तियाँ हिलाकर,
छाँव मे जिसकी कटती थी
सारी दोपहरी,
" वो जो,
पोछँती थी चुनरी से अपनी,
तेरे माथे पे आयी बूंदों को,
कहाँ है"

ये फूल बसन्ती सरसो के,
कहते,
" जो हमे तोड कर भर मुठठी 
खिलखिलाकर,
तुम पर फेंकती और ताली बजाती,
वो कहाँ है"

क्या कहूँ क्या उत्तर दूँ,
उन सवालों का,
जो जला देते इस मन को,
और विवश करते है 
आँखो को बरसने के लिये

24 comments:

  1. बहुत संवेदनशील रचना आभार

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  2. इस अद्भुत रचना के लिए बधाई

    नीरज

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  3. कुछ प्रश्नों के लिये मौन ही सर्वोत्तम उत्तर होता है, उस मौन को अपनी रचनाओं के माध्यम से ऐसे ही जाहिर भी करते रहो।
    गुड लक।

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  4. विरह की कसक ऐसी ही होती है. प्रकृति भूलने नहीं देती. भावपूर्ण रचना.

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  5. क्या कहूँ क्या उत्तर दूँ,
    उन सवालों का,
    जो जला देते इस मन को,
    और विवश करते है
    आँखो को बरसने के लिये.... kuch sawal aise bhi hote hai..... gahan abhivaykti....

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  6. वो क्षण,
    जब चले थे उन पर
    थाम कर हाथ
    एक दूजे का,
    बहुत खूबसूरती से एहसासों को लिखा है ....सुन्दर रचना

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  7. खूबसूरत लम्हों की यादें अक्सर अंकों में पानी दे जाती हैं ...
    उम्दा रचना है दीपक जी ...

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  8. Deepak ji... shabdon ka achha mail hai... saral aur aasaan shabdon ke sath aapne kavita achhi bana di hai...

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  9. पूछ्ता है वो पेड
    पत्तियाँ हिलाकर,
    छाँव मे जिसकी कटती थी
    सारी दोपहरी,
    " वो जो,
    पोछँती थी चुनरी से अपनी,
    तेरे माथे पे आयी बूंदों को,
    कहाँ है"

    SUNDAR SHRINGAARIK PRASTUTI.

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  10. वाह ! क्या बात है! बहुत अच्छी कविता! दीपक जी!

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  11. dil ko chune vali rachna..bahut sundar..
    mere blog par bhi aapka swagat hai :)

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  12. यादें
    तो बस होती ही हैं
    सताने के लिए ....

    प्रभावशाली काव्य .

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  13. क्या बात है! बहुत अच्छी कविता.....

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  14. विप्रलंभ का सुन्दर स्वरूप....

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  15. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

    नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.

    समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा जी.

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  16. नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.

    शुभकामनओं के साथ
    संजय भास्कर

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  17. बहुत सुन्दर प्रस्तुति|

    आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  18. नव वर्ष मंगलमय हो !
    बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ....

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  19. सुन्दर प्रस्तुति|

    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ .....

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