Thursday, September 17, 2020

मेरा तुम्हारा बस प्यार ही तो है

मेरा तुम्हारा बस प्यार ही तो है
गहरे रिस्तो का संसार ही तो है
मिल जाये सब कुछ और तू न मिले
मेरे लिए सब बेकार ही तो है
अब भी मेरे सर चढ़ के बोलता है
तेरी आशिकी का खुमार ही तो है
कोई दिल मे उतरा कोई दिल से उतरा
अपना अपना व्यवहार ही तो है
छोटे का दुलार न बड़े का आदर
बस  पढ़ा लिखा गवार ही तो है
कोशिश कर किनारा भी मिलेगा
तू अभी बीच मंझधार ही तो है
पढ़ ले आज ही कल हो जाएगा कूड़ा
जीवन भी एक अखबार ही तो है
कभी ख़ुशी मिली कभी गम मिला
सब समय का व्यापार ही तो है
बैठ कर बात तो कर हर मसले का हल है
गैर नही है, परिवार ही तो है
मेरे खाने को जो बनाता है लजीज
तेरे हाथो का बना अचार ही तो है



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