पाने को तुम्हारा साथ प्रिये
लो चला आया मैं खाली हाथ प्रिये
मुद्री, मिठाई न उपहार
है तो बस बांहो का हार
मेरी न बंगले गाड़ी की औकात प्रिये
पाने को तुम्हारा साथ प्रिये
लो चला आया मैं खाली हाथ प्रिये
धन नही फिर कैसी बरखा
मैं तो हमेशा प्रेम को तरसा
हुई मुझपे न प्रेम बरसात प्रिये
पाने को तुम्हारा साथ प्रिये
लो चला आया मैं खाली हाथ प्रिये
मन की सोई भावनाये जगायी
मुस्काती सी तुम जीवन मे आयी
अब दे दो मुझको प्रेम सौगात प्रिये
पाने तुम्हारा साथ प्रिये
लो चला आया मैं खाली हाथ प्रिये
बहुत सुंदर भावभीनी प्रस्तुति.
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