Tuesday, May 24, 2011

अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे

अन्न माँगा, दिया हमने 
आबरू ना  दे पाएंगे 
                      रक्षक ही  जब भक्षक बने 
                      अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे 

महंगा बीज , महंगा खाद 
फिर भी सस्ता है अनाज 
ग़ुरबत में जी लेंगे लेकिन 
देश को न भूखा सुलायेंगे 
                                               
                     रक्षक ही जब भक्षक बने 
                     अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे 

 प्रकृति की मार हम पे 
पड़ती रहती थम थम के 
पसीना तो बहा सकते लेकिन 
खून कब तक बहायेंगे 
                                    
                    रक्षक ही जब भक्षक बने 
                     अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे 

भू माफिया औ  भ्रस्ट सरकार 
मिलकर  कर  रही अत्याचार 
अब तक सहते  रहे   लेकिन 
अब और  ना सह  पाएंगे 
   
                      रक्षक ही जब भक्षक बने 
                     अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे 
           


18 comments:

  1. रक्षक ही जब भक्षक बने
    अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे
    sahi kaha ,bahut hi achchhi rachna

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  2. अन्न पैदा करने वालों के कष्टों को आपने कह दिया है और उनके स्वाभिमान को भी जगह दी है. अच्छा लगा.

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  3. अब तक सहते रहे लेकिन
    अब और ना सह पाएंगे
    दाता का खाता ही बन्द कराने पर तुले हैं लोग।

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  4. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों....बेहतरीन भाव......खूबसूरत कविता...

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  5. बहुत खूबसूरत रचना
    अन्नदाता अब कहाँ जायेंगे

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  6. KISANO KE KASTO KO SABDO KE MADHYAM SE JAHIR KIYA HAI,
    JAI HIND JAI BHARAT

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  7. बधाई ! इसी जज्बे की जरूरत है |
    खुश रहो !
    अशोक सलूजा !

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  8. दिपक भाई बहुत सही कहा है आपने।

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  9. किसानों को समर्पित सार्थक तरह प्रेरक प्रस्तुति - बधाई

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  10. किसानों को समर्पित बहुत खूबसूरत रचना|धन्यवाद|

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  11. deepak ji
    bahut hi sateek aur yatharth purn gahan bhavo par drishhti dalne ko prerit karti hai aapki post
    bahut hi achha laga jo aapne dusaro ke dard ko dil me mahsus karke use panne par utaraa.
    bahut bahut badhai
    poonam

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  12. भू माफिया औ भ्रस्ट सरकार
    मिलकर कर रही अत्याचार
    अब तक सहते रहे लेकिन
    अब और ना सह पाएंगे

    सच्चाई का सफल चित्रण.

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  13. सुन्दर और बेहतरीन कविता.

    आप भी सादर आमंत्रित हैं
    एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का परिचय
    ये मेरी पहली पोस्ट है
    उम्मीद है पसंद आयेंगी

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  14. भू माफिया औ भ्रस्ट सरकार
    मिलकर कर रही अत्याचार
    अब तक सहते रहे लेकिन
    अब और ना सह पाएंगे
    sarthak aur sachchi rachna

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  15. जो दिल ने कहा ,लिखा वहाँ
    पढिये, आप के लिये;मैंने यहाँ:-
    http://ashokakela.blogspot.com/2011/05/blog-post_27.html

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