कितना आसान है
रिश्ते बनाना और तोड़ देना
मन में बसना - बसाना
और फिर
छोड़ देना
तोड़ देना मन को
या खिलोने को
सरल है
परन्तु जोड़ना ?
क्या रिश्ते सचमुच टूटते है ?
क्या सचमुच दूर हो सकते है ?
किसी अपने से ,
क्या रिश्ते बनने- टूटने के बीच
जो अंतराल है ,
वो कोई अहमियत नहीं रखता ?
व्यर्थ है वे पल जो
सुख में मुस्कुराते और दुःख में रोते है
व्यर्थ है वे बातें जो घंटो होती है ?
नहीं, ये सब व्यर्थ नहीं हो सकता
कोई भी रिश्ता टूट नहीं सकता
हो सकता है
बातें बंद हो जाये
मुलाकते बंद हो जाये
या फिर
एक नज़र देखना भी
परन्तु
रिश्ते हमेशा बने रहते है
हमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
सही कहा रिश्ते कभी टूटते नहीं है टूटने के बाद भी कुछ रिश्ता तो बचता ही है |
ReplyDeleteकविता की समझ ज्यादा तो नहीं है फिर भी मुझे ऐसा लग रहा है की जैसे रचना में कविता का पुट कुछ कम है |
रिश्ते कभी भी टूटते नहीं हैं आप तोड़ना चाहेंगे तब भी नहीं तोड़ सकते हो सकता है किसी बात के चलते आपस में बातें बंद हो सकती है लेकिन रिश्ते टूट नहीं सकते हैं हमारा भाई हमेशा हमारा भाई ही रहेगा चाहे उससे हम बात करें या न करें
ReplyDeleteबहुत दिन बाद ...................................
रिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में
बहुत सुन्दर पोस्ट है
कितना आसान है
ReplyDeleteरिश्ते बनाना और तोड़ देना
मन में बसना - बसाना
वाह बहुत उम्दा लिखा और सही बात भी है
रिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,bilkul sahi kaha apne... bhut hi accha likha hai apne...
नहीं, ये सब व्यर्थ नहीं हो सकता
ReplyDeleteकोई भी रिश्ता टूट नहीं सकता
हो सकता है
बातें बंद हो जाये
मुलाकते बंद हो जाये
या फिर
एक नज़र देखना भी
परन्तु
रिश्ते हमेशा बने रहते है
हमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
आपने तो मेरे दिल की हालत बयां कर दी। शुभकामनाएॅ।
रिश्ते जो एक बार बन जायें टूट नही सकते ....पर ये भी सच है कि मनमुटाव होने पर एक झीना सा परदा डालने की कोशिश तो सभी कर लेते हैं .......अच्छी प्रस्तुति .....आभार !
ReplyDeleteकोई भी रिश्ता टूट नहीं सकता
ReplyDeleteहो सकता है
बातें बंद हो जाये
मुलाकते बंद हो जाये
या फिर
एक नज़र देखना भी
परन्तु
रिश्ते हमेशा बने रहते है
हमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
रिश्ते इतनी आसानी से नहीं टूटते....
कोई भी रिश्ता टूट नहीं सकता
ReplyDeleteहो सकता है
बातें बंद हो जाये
मुलाकते बंद हो जाये
या फिर
एक नज़र देखना भी
परन्तु
रिश्ते हमेशा बने रहते है
हमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
१०० प्रतिशत सच कहा है आपने.............सुन्दर कविता!
वे अपने ही होते तो रिश्ते टूटते क्यों ....?? मन से नहीं टूटने चाहिए वर्ना गाँठ बहुत कसकती है !
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
sir word verification htane ke liye kya karana padega aap hame wo bta dijiye hame kewal likhana ata hai samay kee kamee ke karan wo bhee na karane ke liye majbur hoon to plz kaise is cheej ko hataya jayega wo aap hame jaldi se btane ka kasht kare
ReplyDeletekripya sujhaw dete rahen naye blogger hain dheere dheere sikh jayenge kuch samay ke aabhav ke karan bhee jankaree nahee le pate hain
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकेवल स्मृतियों को रिश्ता नहीं कहा जा सकता. स्मृतियाँ रिश्तों को मजबूत करने में सहायक हो सकती हैं लेकिन रिश्ते तो निरंतर सींचने से ही बढ़ते हैं.
ReplyDeleteसुंदर रचना के लिए बधाई.
बहुत सही कहा है दीपक। रिश्ते टूटते नहीं और जो टूट गये वो रिश्ते थे ही नहीं, छलावा थे या स्वार्थसिद्धि के निमित्त।
ReplyDeleteवैरी गुड, मैच्योर सोच:)
रिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
ye to sach hai ,magar man ko bahalane ke liye kabhi kabhi nakaar dete hai
rishte nabhana swayam hamare hee hath hai........
ReplyDeleteparipakv soch kee jhalak liye sunder rachana.......
Aabhar
thank you sir hamane word verification hta diya hai
ReplyDeleteरिश्तों की यादें हमेशा रह जाती हैं फिर रिश्ता टूटे या जुड़े ....
ReplyDeletedeepak ji
ReplyDeletebahut hi behatreen tareeke se aapne rishto ki vyakhya ki hai jo bante v bigdte rahte hain dil ko kasht bhi bahut jyaada hodete hain .par rishto ko itnaaasaan nahi hota hai bhula pana.
परन्तु
रिश्ते हमेशा बने रहते है
हमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
bahut hi steek avam yatharthprastuti
dhanyvaad
poonam
ek bar rista bankar agar phir toot bhi jaye to kuch rista to rahta hi hai chahe wo rista dusmani ka hi kyun na ho........ jai hind jai bharat
ReplyDeleteरहिमन धागा प्रेम का, मत तोडो चटकाए,
ReplyDeleteटूटे से फिर ना जुड़े,जुड़े गाँठ परि जाए!!
रिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
अच्छा लिखा और एकदम सही कहा आपने.
कोमल भावों की सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteसही कहा आपने ....
रिश्ते टूट जाने के बाद भी जुड़े रहते हैं | अब यह बात अलग है कि प्यार हो या नफरत ...मगर याद तो दोनों आते हैं |
very nice creation Deepak ji .
ReplyDeleteरिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में
सच है दीपक भाई.बहुत खूब लिखा है आपने.
@ अंशुमाला जी
ReplyDelete@ यश चंचल जी
@ सवाई सिंह जी
@ संजय भास्कर जी
@ आहुति जी
उत्साह वर्धन के लिए आभार
@ अमित जी
ReplyDelete@ निवेदिता जी
@ वीना जी
@ साहिल जी
@ सतीश जी
उत्साह वर्धन के लिए आभार
@ भूषण जी
ReplyDelete@ संजय भाई साहब जी
@ ज्योति सिंह जी
@ अपनत्व जी
@ दिगंबर नासवा जी
उत्साह वर्धन के लिए आभार
@ पूनम जी
ReplyDelete@ संजय आवारा जी
@ संवेदना के स्वर जी
@ कुंवर कुसुमेश जी
@ सुरेन्द्र जी
@ झील जी
@ विशाल जी
उत्साह वर्धन के लिए आभार
रिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ,
सच्चाई यही है.... रिश्ते कभी नहीं टूटते....सुन्दर रचना....
रिश्ते
ReplyDeleteकितना आसान है
रिश्ते बनाना और तोड़ देना
मन में बसना - बसाना
और फिर
छोड़ देना
तोड़ देना मन को
या खिलोने को
सरल है
परन्तु जोड़ना ?
रूठे सुजन मनाइये जो रूठे सौ बार
ReplyDeleteरहिमन फिर फिर पोइये टूटे मुक्ताहार
रिश्ते कभी नहीं टूटते....सुन्दर रचना....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
ReplyDeleteमेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!
बहुत सुन्दर कविता........
ReplyDeleteरहिमन धागा प्रेम का, नहि तोड़ो चटकाय।
यह टूटे फिर न जुरे, जुरे गाँठ पर जाय॥
रिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ....
रिश्तों की यही तो खासियत है....
य़ाद आ गया है खामोशी फिल्म का गीत....
हमने देखी है उन आँखों की महकती खुशबू,
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो।
सही कहा रिश्ते कभी टूटते नहीं है| धन्यवाद|
ReplyDeleteरिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ....
बिल्कुल सच कहा है आपने ।
टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
ReplyDeleteबहुत उम्दा लिखा
ReplyDeleteरिश्ते हमेशा बने रहते है
ReplyDeleteहमारे मन में,
हमारी बातों में,
हमारी स्मृति में ..
सच कहा है आपने.....
सुन्दर कविता!