प्रेम के हवन की कुछ आहुति अधूरी है
दबी भावनाओं का निकलना जरूरी है
गुजर गए बरसो यूं ही बिना बरसे ही
मुहब्बत के बादलो का पिघलना जरूरी है
तू एक बार कहदे, सारे बंधन तोड़ आऊ
जिन्दा रहना है तो अब मिलना जरुरी है
तेरी बाँहो में लिपट के जीना या मर जाना
अंजाम कुछ भी हो, लिपटना जरूरी है
जानता हूँ , अब गलत है , जो कह रहा हूँ मै
अपने किये वादे पर तुझे भी चलना जरूरी है
जाने कब साँझ हो जाये मेरे जीवन की
तेरे प्रेम का आखरी दीपक जलना जरूरी है
दबी भावनाओं का निकलना जरूरी है
गुजर गए बरसो यूं ही बिना बरसे ही
मुहब्बत के बादलो का पिघलना जरूरी है
तू एक बार कहदे, सारे बंधन तोड़ आऊ
जिन्दा रहना है तो अब मिलना जरुरी है
तेरी बाँहो में लिपट के जीना या मर जाना
अंजाम कुछ भी हो, लिपटना जरूरी है
जानता हूँ , अब गलत है , जो कह रहा हूँ मै
अपने किये वादे पर तुझे भी चलना जरूरी है
जाने कब साँझ हो जाये मेरे जीवन की
तेरे प्रेम का आखरी दीपक जलना जरूरी है
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