इतनी महँगाई, और हमें प्यार हो गया
दिल का गुलशन गुलजार हो गया
दिल और आँखों के तो आ गए मजे
जेब का लेकिन बंटा धार हो गया
हम सुबह से भूखे प्यासे लगे रहे जुगाड़ में
शाम को पिज्जा हट में उनका शनिवार हो गया
मिस काल मारकर चलाते रहे अपना काम
उन्होंने किया फोन, और उनका रिचार्ज को गया
अपनी बाइक आधे दाम में बेच दी ?
जन्मदिन था उनका, मजबुरी देना उपहार हो गया
मिलने का वादा, और अपनी जेब खाली
बहुत अच्छा हुआ, जो उनकी मम्मी को बुखार हो गया
दिल का गुलशन गुलजार हो गया
दिल और आँखों के तो आ गए मजे
जेब का लेकिन बंटा धार हो गया
हम सुबह से भूखे प्यासे लगे रहे जुगाड़ में
शाम को पिज्जा हट में उनका शनिवार हो गया
मिस काल मारकर चलाते रहे अपना काम
उन्होंने किया फोन, और उनका रिचार्ज को गया
अपनी बाइक आधे दाम में बेच दी ?
जन्मदिन था उनका, मजबुरी देना उपहार हो गया
मिलने का वादा, और अपनी जेब खाली
बहुत अच्छा हुआ, जो उनकी मम्मी को बुखार हो गया
अलग रंग -ढंग से सजी सुन्दर पंक्तियाँ बहुत दिनो के बाद आपको लिखते देखकर खुशी हुई।
ReplyDeleteधन्यवाद भाई
ReplyDelete